Free Ration Scheme: हाल ही में फेसबुक, यूट्यूब और नेटफ्लिक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर एक खबर ने गरीब और मध्यम दर्जे के परिवारों के बीच मजबूत उत्साह पैदा किया है। वायरल हो रहे जर्नल में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार अब मुफ्त राशन के साथ-साथ ₹1000 की नकद सहायता भी सीधे सरकारी बैंकों में भेज रही है। इस दावे में विशेष रूप से श्रमिक वर्ग, घरेलू महिलाएं, दिहाड़ी श्रमिक और चित्रकारों पर ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है – यह क्या है, यह सच है या सिर्फ एक और महाकाव्य?
क्या कहा जा रहा है वायरल मैसेज में?
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज के मुताबिक, सरकार नई योजना के तहत प्रत्येक पात्र व्यक्ति को हर महीने 5 किलो गेहूं, 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 लीटर तेल और 1 किलो चीनी देने के साथ-साथ ₹1000 नकद भी प्रदान कर रही है। दावा यह भी है कि यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी के आधार से लिंक बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है। लोगों को यह संदेश इतना भरोसेमंद लग रहा है कि वे जानने को उत्सुक हैं कि कब और कैसे उन्हें यह लाभ मिलेगा।
कौन बताए जा रहे हैं पात्र?
वायरल संदेशों में यह भी बताया गया है कि इस योजना का लाभ वही लोग ले सकते हैं जिनके पास NFSA (National Food Security Act) या BPL (Below Poverty Line) राशन कार्ड है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य शर्तें भी जोड़ी गई हैं:
- वार्षिक पारिवारिक आय ₹2 लाख से कम होनी चाहिए।
- बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है।
- जनधन खाते वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकार ने क्या कहा? हकीकत क्या है?
जैसा कि हर वायरल खबर के साथ होता है, इस दावे की सच्चाई जानना जरूरी है। भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) और अन्य आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग एजेंसियों ने इस वायरल खबर को पूरी तरह गलत और भ्रामक करार दिया है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना वर्तमान में नहीं चल रही है, जिसमें ₹1000 नकद सहायता दी जा रही हो। न ही इस प्रकार की कोई अधिसूचना केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा जारी की गई है। PIB ने भी ट्वीट कर लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के संदेशों पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें।
फ्री राशन योजना अभी भी जारी है
यह बात जरूर सच है कि देश के विभिन्न राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही फ्री राशन योजना अभी भी सक्रिय है। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लागू है, जिसमें BPL और पात्र लाभार्थियों को प्रति माह गेहूं, चावल, दाल, चीनी और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री मुफ्त या रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाती है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत महामारी के समय अतिरिक्त राशन भी दिया गया था, लेकिन उसमें भी नकद भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं थी।
क्यों फैलती हैं ऐसी अफवाहें?
डिजिटल युग में जानकारी जितनी तेजी से फैलती है, उतनी ही तेजी से अफवाहें भी फैलती हैं। खासकर जब बात मुफ्त सहायता की हो, तो लोग बिना सोचे-समझे उसे सच मान लेते हैं। बहुत सी फर्जी वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनल्स इस तरह की खबरें फैलाकर लोगों को भ्रमित करते हैं। कई बार ये अफवाहें लोगों की निजी जानकारी चुराने का जरिया भी बन जाती हैं – जैसे फर्जी फॉर्म भरवाकर बैंक डिटेल्स, आधार नंबर और OTP तक मांग लिया जाता है।
कैसे करें किसी योजना की सच्चाई की पुष्टि?
यदि आप किसी सरकारी योजना की सही जानकारी चाहते हैं, तो निम्नलिखित स्रोतों का उपयोग करें:
- PIB (Press Information Bureau): https://www.pib.gov.in
- राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट जैसे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग।
- नजदीकी CSC (Common Service Center)
- अपने राशन डीलर या पंचायत कार्यालय
इनमें से किसी भी माध्यम से आप यह पुष्टि कर सकते हैं कि कौन-सी योजना वास्तव में लागू है और कौन-सी सिर्फ अफवाह है।
पारदर्शिता है सरकारी योजनाओं की पहचान
सरकार जब भी कोई नई योजना लाती है, तो उसकी जानकारी दूरदर्शन, आकाशवाणी, सरकारी वेबसाइटों, अखबारों और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से दी जाती है। कोई भी योजना, जिसमें नकद सहायता या खाद्य सामग्री का वितरण हो, वह प्रेस नोट के जरिए घोषित की जाती है। यदि वाकई में ₹1000 की सहायता दी जा रही होती, तो यह खबर सभी प्रमुख समाचार चैनलों और पोर्टलों पर प्रमुखता से दिखाई देती।
क्या हो सकती है आपकी भूमिका?
- सतर्क नागरिक बनें: किसी भी अनधिकृत लिंक या फॉर्म को न भरें।
- तथ्य की पुष्टि करें: सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
- अन्य को भी जागरूक करें: यदि आपके जानने वाले इस खबर को सच मान रहे हैं, तो उन्हें सही जानकारी दें।
निष्कर्ष
वर्तमान में सरकार की ओर से ₹1000 नकद देने की कोई योजना मान्य या सक्रिय नहीं है। यह सिर्फ एक वायरल अफवाह है जिसका कोई आधार नहीं है। हां, फ्री राशन योजना NFSA के तहत जरूर चल रही है, जिसमें पात्र लाभार्थियों को खाद्यान्न सामग्री दी जाती है, लेकिन उसमें नकद राशि शामिल नहीं है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल जनहित में जानकारी देने हेतु लिखा गया है। कृपया किसी भी प्रकार की योजना की जानकारी के लिए केवल अधिकृत सरकारी स्रोतों पर ही भरोसा करें। कोई भी फर्जी लिंक, फॉर्म या कॉल आपकी व्यक्तिगत जानकारी की चोरी कर सकता है।